नहीं होने देंगे किसानो का मोर्चा – मुख्यमंत्री ? मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने किसानों की साथ बैठक को किया रद्द ?

मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने किसानों की साथ बैठक को किया रद्द ?

क्या है किसानों कि मांगे !

किसान लॉंग मार्च में चर्चा के लिए आएं मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री, मुंबई नहीं आएगा प्रतिनिधिमंडल, किसान सभा की आक्रामक भूमिका.

किसान सभा: मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री हमसे मिलने के लिए मार्च करें, हमारा प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने नहीं जाएगा, विधायक जे. पी गावित ने बुधवार (15 तारीख) को यह कहा है.

मंगलवार (14) को राज्य सरकार लॉग मार्च में शामिल किसानों के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा करने जा रही थी. उसके लिए विदाई भी दी गई. लेकिन कल मंगलवार को राज्य सरकार की ओर से अचानक बैठक रद्द कर दी गई. इस वजह से किसान सभा के नेताओं और मार्च में शामिल किसानों ने रोष जताया.

अब हम राज्य सरकार के साथ चर्चा करने नहीं जाएंगे, लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लॉग मार्च में हमारे साथ चर्चा करने के लिए आना चाहिए. ऐसा उन्होंने गांव में कहा.

राज्य सरकार ने बुधवार (15 तारीख) को मुंबई में बैठक के लिए किसान सभा के एक प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया.
इस संबंध में मुख्यमंत्री ने मंगलवार शाम कृषि विभाग को निर्देश दिए. बैठक में विभिन्न विभागों के सचिव मौजूद रहने वाले थे.

कृषि विभाग ने किसान सभा प्रतिनिधिमंडल को विदाई दी.
लेकिन विधायक जेपी गावित ने आक्रामक मांग करते हुए कहा है कि किसान सभा का प्रतिनिधिमंडल बुधवार सुबह चर्चा के लिए मुंबई नहीं आएगा, बल्कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री लॉग मार्च में हमसे आकर चर्चा करें. इस मामले में अब किसान सभा ने आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया है.

राज्य सरकार को किसान सभा से चर्चा करनी चाहिए. इसके लिए सामने आएं. पहले हम चर्चा करने वाले थे. लेकिन राज्य सरकार ने बिना कोई कारण बताए बैठक रद्द कर दी. इसलिए मार्च में शामिल किसानों ने स्टैंड लिया है कि राज्य सरकार को आकर मार्च में हमसे चर्चा करनी चाहिए.

किसान सभा संघ के संयुक्त सचिव डॉ. अजीत नवले ने कहा, “सरकार ने अचानक बैठक रद्द कर दी। कारण नहीं बताया. बैठक रद्द करने के तरीके से हम परेशान हैं”

राज्य सरकार द्वारा अचानक बैठक रद्द किए जाने से प्रदर्शनकारी किसानों की ओर से नाराजगी जताई जा रही थी. प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार मनमानी कर रही है.

इस दौरान वर्ष 2018 से लम्बित वन भूमि का मुद्दा, कृषि उपज के गारंटीकृत मूल्य, कृषि के लिए बिजली आपूर्ति, कृषि ऋण माफी सहित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाएं, आशा कार्यकर्ता, स्कूल पोषाहार कार्यकर्ता, ग्राम पंचायत कंप्यूटर आपरेटर, ग्राम रोजगार सेवक, पुलिस पाटील आदि को शासकीय कर्मचारी घोषित किया गया है. अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से शासकीय वेतनमान लागू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर लांग मार्च निकाला गया है.