देशभर में(kisan Andolan) किसानों का आंदोलन चल रहा है. किसानों का ये आंदोलन हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर चल रहा है, लेकिन ये आंदोलन कहने लगा कि चलो दिल्ली चलो, किसान दिल्ली जाने के लिए शंभू बॉर्डर पर जमा हो गए हैं, सरकार ने इसके चलते शंभू बॉर्डर के साथ-साथ दिल्ली की सीमाएं भी बंद कर दी हैं हरियाणा पंजाब से दिल्ली काम पर जाने वालों के लिए बड़ी समस्या है. पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ने भविष्यवाणी की है कि अगर किसानों का आंदोलन इसी तरह जारी रहा तो करीब 50 लाख रुपये का नुकसान होने की आशंका है. कि उत्तर भारतीय राज्य में कारोबार पर भी बड़ा असर पड़ेगा.
इसके साथ ही किसान अन्य प्रमुख मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं कौन से कृषि कानून हैं विवादास्पद?
कृषि उपज, व्यापार और वाणिज्य (प्रोत्साहन और सुविधा) अधिनियम 2020 2 गारंटी मूल्य और किसान (कृषि सेवाओं का सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता अधिनियम 2020 3 आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम 2020
आंदोलन के प्रमुख चेहरे
1) जोगिंदर सिंह उगराहां (भारतीय किसान यूनियन के सर्वेसर्वा)
2) लबीरसिंह राजेवाल (भारतीय किसान यूनियन के थिंक टैंक)
3) जगमोहन सिंह (भारतीय किसान यूनियन के डकौंडा नेता)
4) डॉ. दर्शन पाल (समन्वयक) कृषि संगठन)
5) सरवनसिंह पंढेर (सचिव, किसान-मजदूर संघर्ष समिति)
किसान किस बात से चिंतित हैं?
1) सरकार मौखिक रूप से कहती है कि गारंटीकृत मूल्य बना रहेगा, निश्चित नहीं
2) सरकार गारंटीकृत मूल्य पर कृषि उपज खरीदना बंद कर देगी
3) निश्चित नहीं है कि निजी कंपनियाँ गारंटीकृत मूल्य पर कृषि उपज खरीदेंगी
4) कृषि कानून निजी कंपनियों के लिए खरीद दर को मनमाना बना देंगे
5) 3% ग्रामीण बुनियादी ढांचा सुविधा निधि इस वर्ष से राज्यों को बंद कर दी जाएगी
6) शक्तिशाली कंपनियां किसानों का शोषण करेंगी और उन्हें धोखा देंगी
क्या हैं किसानों की मांगें?
1) तीनों कृषि कानून वापस लें
2) गारंटी मूल्य से कम कीमत पर खरीद को अपराध घोषित करें
3) न्यूनतम गारंटी मूल्य कानून बनाएं
4) 3% ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर फंड फिर से शुरू करें
5) अनाज की सरकारी खरीद जारी रखें
6) कृषि में पूंजीपतियों पर प्रतिबंध लगाएं
7) राज्यों के संवैधानिक अधिकारों का सम्मान करें
8)लखीमपुर हिंसा में किसानों को न्याय मिलना चाहिए
क्या कहती है सरकार?
1) तीनों कानूनों को रद्द किए बिना उनमें संशोधन करें
2) कानून में कभी गारंटी मूल्य का प्रावधान नहीं था, अब ऐसा क्यों किया जाना चाहिए?
3) कृषि अधिनियम कृषि क्षेत्र में आमूल-चूल परिवर्तन लाएंगे
4) कृषि अधिनियमों से निजी निवेश बढ़ेगा
5) किसान अपनी उपज कहीं भी बेच सकेंगे