Maratha Aarakshan 2024:राजनीतिक आरक्षण होगा या नहीं?, कितने प्रतिशत मराठों को फायदा?; 16 प्वाइंट में समझें

Maratha Aarakshan मुंबई ।20 फरवरी 2024: मराठा समुदाय को आखिरकार दस फीसदी आरक्षण दे दिया गया. राज्य सरकार ने अलग से दस फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है. इसलिए मराठा समुदाय के लिए आरक्षण का रास्ता साफ हो गया है.

राज्य सरकार ने कैबिनेट में आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी है. अब इस ड्राफ्ट को विधानसभा में रखा जाएगा और इस पर चर्चा कर मंजूरी दी जाएगी. मसौदे के मुताबिक पिछड़े मराठा समुदाय को शिक्षा और रोजगार में आरक्षण मिलेगा. मराठों को राजनीतिक आरक्षण नहीं दिया जाएगा. साथ ही मराठा समुदाय के केवल 84 फीसदी लोगों को ही आरक्षण का लाभ मिलेगा. इस ड्राफ्ट में कई बातों पर फोकस किया गया है. कुल 16 मुद्दों पर डाला गया यह प्रकाश…

महसूल में 16 अहम बातें:

1:मराठा समुदाय को शिक्षा और रोजगार में 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा

2:मसौदे में उल्लेख किया गया है कि मराठा समुदाय आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा है

3:मराठा समुदाय के पिछड़े वर्गों के लिए अलग आरक्षण

4:84 फीसदी मराठा समुदाय आरक्षण के लिए पात्र

5:राज्य की आबादी में मराठा समुदाय की हिस्सेदारी 28 फीसदी है

6:राज्य सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में आरक्षण

7:मराठा समुदाय को राजनीतिक आरक्षण नहीं मिलेगा

8:यह आदेश निजी शिक्षण संस्थानों, राज्य से अनुदान प्राप्त करने वाले संस्थानों पर लागू है

9:राज्य सरकार के बोर्डों, निगमों, संवैधानिक संस्थाओं, सरकारी कंपनियों में आरक्षण मिलेगा

10:किसानों की आत्महत्या के आंकड़ों के मुताबिक 94 फीसदी लोग मराठा समुदाय के हैं

11:मराठा समुदाय को दिए गए आरक्षण की हर दस साल में समीक्षा की जाएगी

12:एक सर्वे से पता चला है कि मराठा समुदाय की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है

13: 21.22 प्रतिशत मराठा परिवार गरीबी रेखा से नीचे

14: बताया गया है कि रोजगार, सेवाओं और शिक्षा में पिछड़े मराठा समुदाय का अनुपात कम है

15:28 फीसदी आबादी वाले मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग की श्रेणी में रखना उचित नहीं होगा

16:मराठा समाज की एक अलग श्रेणी होनी चाहिए

आरक्षण अमान्य:

इस बीच, मनोज जारांगे पाटिल ने सरकार के फैसले से असहमति जताई है. सरकार ने मराठों को अलग से दस फीसदी आरक्षण देने का ऐलान किया है. मनोज जारांगे ने हमें समझाया कि यह आरक्षण स्वीकार्य नहीं है. हम सिर्फ ओबीसी से आरक्षण चाहते हैं. सरकार को उन चीजों को सामने नहीं लाना चाहिए जो अकारण नहीं चाहिए।’ हम इसे बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे.’ इसके उलट मनोज जारांगे पाटिल ने चेतावनी दी है कि अब हम कड़ा विरोध करेंगे. उन्होंने यह भी मांग की है कि रिश्तेदारों को आरक्षण देने के फैसले को लागू किया जाए.