NHB Subsidy : एनएचबी से अंगूर फसल कवर के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी ?

NHB Subsidy : एनएचबी से अंगूर फसल कवर के लिए 50 प्रतिशत सब्सिडी ?

अंगूर उत्पादक किसानों के लिये बडी खबर !

पिछले कुछ सालों में भारी बारिश, बेमौसम बारिश और अंगूर के मौसम (Grape Season) में तापमान में अत्यधिक गिरावट के कारण अंगूरों को नुकसान हो रहा है. इसके साथ ही मौसम में बादल छाए रहने से बीमारियों का प्रकोप बढ़ने से फसल सुरक्षा (Crop Protection) के लिए छिड़काव का खर्च दोगुना हो गया है.

इससे उबरने के लिए कुछ किसानों ने फसल कवर (Crop Cover) तकनीक को अपनाया है जो फसल और पूंजी का समायोजन करके महंगी है. इससे बंच रोट और रेडीमेड अंगूर के बीजों के फटने जैसी समस्याओं को कम करने में मदद मिली है. स्प्रे की संख्या और उत्पादन लागत कम हो जाती है.

महाराष्ट्र राज्य अंगूर उत्पादक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने मांग की है कि राष्ट्रीय उद्यानिकी बोर्ड से अंगूर फसल कवर की उपयोगिता को सकारात्मक रूप से देखते हुए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जाए.

प्राकृतिक आपदा, उत्पादन की बढ़ी हुई लागत और अस्थिर बाजार जैसे विभिन्न कारणों से अंगूर उत्पादक संकट में है.
इसलिए, अंगूर उत्पादक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र सरकार से कदम उठाने का आग्रह किया है. क्योंकि नुकसान को रोकने के लिए अंगूर की फसल को कवर करने की आवश्यकता है.

राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केंद्र, महात्मा फुले कृषि विश्वविद्यालय ने अंगूर की फसल के आच्छादन पर परीक्षण किया है और इस पत्र में इसकी सूचना दी है.

उसके बाद राज्य सरकार ने 100 हेक्टेर में प्रयोग करने की घोषणा की है. लेकिन अगर केंद्र मांग करने वाले अंगूर किसानों को फसल कवर के लिए 50 फीसदी सब्सिडी देता है, तो यह बड़ी राहत होगी. करोड़ों रुपए के नुकसान से बचा जा सकता है.

बयान में बताया गया है कि इस तकनीक से किसानों को फायदा होगा. इस समय जानकारी दी गई थी कि द्राक्षा बगईदार संघ राज्य के करीब 33 हजार अंगूर उत्पादकों के साथ नासिक, पुणे, सोलापुर और सांगली संभाग में काम कर रहा है.

ऑटोमेशन’ के लिए भी दी जाए सब्सिडी भार प्रबंधन बढ़ने के कारण रात-रात सिंचाई और घुलनशील उर्वरक प्रबंधन करना पड़ता है. नतीजतन, कई जगहों पर किसानों पर खूंखार जानवरों के हमले समेत सर्पदंश की घटनाएं हुई हैं.

इसलिए यह भी मांग की गई कि फर्टिगेशन और सिंचाई दोनों पहलुओं पर विचार करते हुए ऑटोमेशन के लिए सब्सिडी दी जानी चाहिए.