अगर आपके पास है गाय तो बॉयोगॅस प्लांट निर्मिती के लिये 9000 रुपये मिलेगी सबसीडी ?
Biogas Project Update – 11,000 बायोगैस प्लांट की होगी निर्मिती, 9000 रुपये कि मिलेगी सब्सिडी क्या है परियोजना संपूर्ण जाणकारी !
Vidarbha Marathwada News विदर्भ, मराठवाड़ा में दूध विकास के लिए लागू की जा रही परियोजना के दूसरे चरण में 2026 तक दूध संग्रह को 6 लाख लिटर से बढ़ाकर 10 लाख लीटर करने का प्रस्ताव है.
11,000 बायोगैस प्लांट सब्सिडी पर दिए जाएंगे ताकि अर्थव्यवस्था के गति पकड़ने के दौरान पशुओं से प्राप्त गोबर का भी उपयोग किया जा सके. उसके लिए सिर्फ 9 हजार रुपए चुकाने होंगे.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने विदर्भ, मराठवाड़ा में दूध उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से एक डेयरी विकास परियोजना का अनुसरण किया. इसके परिणामस्वरूप इन दोनों वर्गों में पशुपालन को बढ़ावा मिला है और दूध संग्रह तीन लाख लीटर तक पहुंच गया है.
इस परियोजना का दूसरा चरण जल्द ही लागू किया जाएगा. उसके तहत 2026 तक दुग्ध संग्रहण को मौजूदा तीन लाख लीटर से बढ़ाकर छह से दस लाख लीटर करने का प्रस्ताव है.
दुग्ध संग्रहण बढ़ाने के लिए एक लाख 65 हजार मवेशियों का उपचार किया जाएगा. अल्पावधि उपचार में, 11,000 पशुओं की खरीद की जानी है, जबकि लॉग टर्म में आईवीएफ, सेक्स्ड मात्रा की योजना बनाई गई है. इस परियोजना में पांच हजार गांव और बारह जिले शामिल हैं.
विदर्भ में हरे चारे की उपलब्धता एक बड़ी समस्या है. हरा चारा डेढ़ से दो दिन में खराब हो जाता है. साइलेज से यह समस्या नहीं होती है. इसलिए परियोजना से सब्सिडी पर साइलेज बेलिंग मशीन किसान कंपनियों को दी जाएगी. किसानों को दूध संग्रहण केंद्र पर ही फीड उपलब्ध होगा.
इसकी प्रतिपूर्ति दूध बिक्री के पैसे से की जा सकती है. आईवीएफ तकनीक का उपयोग लिंग-श्रेणी की खुराक के साथ किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि माहवारी आनी चाहिए.
उसके लिए महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ एनिमल एंड फिशरीज साइंस से करार किया जाएगा. प्रौद्योगिकी आधारित स्मार्ट खेती परियोजना का विषय होगा. एनडीडीबी और भारत सरकार द्वारा 500 कृत्रिम गर्भाधान केंद्र स्थापित किए जाएंगझ.
मोबाइल पशु चिकित्सा वाहनों की अवधारणा को लागू कर गांवों में पशुपालन के द्वार पर इलाज किया जाएगा. उसके लिए एक कॉल सेंटर भी प्रस्तावित है.
विदर्भ मराठवाड़ा में स्थापित होने वाले 11,000 बायोगैस संयंत्रों की लागत लगभग 50,000 रुपये है. इसे 9000 रुपए की सब्सिडी पर ही बनाया जाएगा.
विदर्भ, मराठवाड़ा डेयरी विकास परियोजना देश में एकमात्र मॉडल है जहां केंद्र, राज्य, एनडीडीबी और मदर डेयरी मिलकर काम करते हैं. देश के अन्य भागों में एनडीडीबी केवल दुग्ध संग्रहण का कार्य करता है.
यही कारण है कि परियोजना को गतिशील तरीके से कार्यान्वित किया जा रहा है. अपरंपरागत ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए परियोजना से 11 हजार बायोगैस उपलब्ध कराई जाएगी. उसके लिए 9 हजार रुपए चार्ज किए जाएंगे.
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