Agriculture Electricity अब खेत मे दिन मे भी रहेगी बिजली

Agriculture Electricity अब खेत मे दिन मे भी रहेगी बिजली  – Mukhyamantri Solar Agriculture Vahini Yojana 2.0

Agriculture Electricity News Update : राज्य सरकार ने कृषि दिवस के दौरान बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना (Mukhyamantri Solar Agriculture Vahini Yojana 2.0) को लागू करने का निर्णय लिया है. यह योजना किसानों के लिए बहुत उपयोगी है.

कृषि दिवस के दौरान बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 को लागू करने का निर्णय लिया है.

इसलिए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanavis) ने किसानों की समृद्धि के लिए इस ‘फ्लैगशिप’ योजना को सभी जिलों में प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए हैं.

सह्याद्री राजकीय अतिथि गृह में संभागायुक्तों एवं कलेक्टरों का एक दिवसीय सम्मेलन आयोजित किया गया. इस मौके पर फडणवीस ने योजना की शुरुआत की.

कृषि और किसान राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और राज्य सरकार किसानों के पीछे मजबूती से खड़ी है. मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 किसानों के लिए बहुत उपयोगी साबित होने वाली है.

फडणवीस ने इस अवसर पर कहा, क्योंकि यह सस्ती और हरित ऊर्जा है. यह योजना क्रॉस सब्सिडी को कम करके औद्योगिक क्षेत्र को भी बढ़ावा देगी.

इस योजना के माध्यम से अधिक से अधिक संख्या में फीडरों को सौर ऊर्जा से जोड़ने पर जोर दिया जाएगा. फडणवीस ने यह भी सुझाव दिया कि जिला कलेक्टर सौर ऊर्जा के माध्यम से जिले को किसानों को उपलब्ध कराने का प्रयास करें.

साथ ही चूंकि इन परियोजनाओं में भूमि की उपलब्धता अति आवश्यक है, इसके लिए सभी जिला कलेक्टर महावितरण उपकेन्द्र के पांच से दस किलोमीटर के दायरे में शासकीय एवं अर्धशासकीय भूमि की जानकारी एकत्रित करें.

उपमुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी निर्देश दिया कि जो भूमि परियोजनाएं स्थापित करने के लिए उपयुक्त हैं, उन सभी भूमियों को सभी आवश्यक प्रक्रिया के बाद इन सभी परियोजनाओं के लिए उपलब्ध कराया जाए.

सौर ऊर्जा पर भी ग्राम पंचायत के अंतर्गत विभिन्न सुविधाएं
योजना के अगले चरण में ग्राम पंचायत के अंतर्गत विभिन्न सुविधाओं और कार्यालयों को पूरी तरह से सौर ऊर्जा पर बनाने पर जोर दिया जाएगा. बड़ी कंपनियां सौर ऊर्जा के विकास के क्षेत्र में प्रवेश करने को उत्सुक हैं. बैटरी से चलने वाले पंप भी भविष्य में एक बड़ा बदलाव होंगे.

फडणवीस ने यह भी निर्देश दिया कि सभी कलेक्टर मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 योजना का अपने-अपने जिलों में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें.

कृषि के लिए दिन के समय बिजली की आपूर्ति संभव
2017 में, मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना को भविष्य पर कब्जा करने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना के रूप में लॉन्च किया गया था.

इसके जरिए इस बात पर विचार किया गया कि औद्योगिक उपभोक्ताओं के साथ-साथ किसानों को किफायती सौर ऊर्जा का लाभ कैसे मिल सकता है. शुरूआती दौर में इस योजना के क्रियान्वयन के उत्साहजनक परिणाम देखने को मिले हैं.

ऊर्जा विभाग की प्रमुख सचिव आभा शुक्ला ने बताया कि इस योजना से किसानों को दिन में आपूर्ति हो सकेगी और इससे किसानों को सिंचाई के दौरान होने वाली परेशानी भी कम होगी.

22 प्रतिशत बिजली की खपत कृषि के लिए होती है.
देश का लक्ष्य गैर-पारंपरिक ऊर्जा के उपयोग के लिए 2030 तक 450 GW क्षमता का निर्माण करना है. उस लिहाज से मिशन 2025 का क्रियान्वयन भी अहम होगा. इसका लक्ष्य अकेले और एक राज्य में कृषि के लिए 7,000 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा उत्पन्न करना है.

कई अन्य क्षेत्रों की तरह, कृषि क्षेत्र देश में बिजली की मांग में अग्रणी है और महाराष्ट्र में कृषि बिजली पंपों की संख्या देश में सबसे अधिक लगभग 45 लाख है. राज्य में कुल बिजली खपत का 22 प्रतिशत कृषि के लिए है.

कृषि को सस्ती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए हर साल सरकार बड़ी मात्रा में सब्सिडी देती है. इसके अलावा, बिजली वितरण कंपनी के अन्य ग्राहकों द्वारा भी क्रॉस सब्सिडी दी जाती है.

किसानों को मामूली, रियायती दरों पर बिजली की आपूर्ति की जाती है। भविष्य में, क्रॉस-सब्सिडी के माध्यम से कृषि बिजली दरों को सीमित करने पर एक बड़ी सीमा होगी.

उस लिहाज से यह योजना बिजली उपभोक्ताओं, किसानों और बिजली वितरण कंपनियों के लाभ के लिए है. यह किसानों के फार्म पंपों को दिन में निर्बाध और विश्वसनीय विद्युत आपूर्ति प्रदान करने का अभियान है.

मिशन 2025 के माध्यम से मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना को बड़े पैमाने पर और तेजी से लागू करने का निर्णय लिया गया है. मिशन 2025 का लक्ष्य ऐसी परियोजनाओं के माध्यम से दिसंबर 2025 तक सभी जिलों में सभी कृषि चैनलों का कम से कम 30 प्रतिशत सौरकरण करना है.

‘मिशन 2025’ के माध्यम से किसानों को दिन में बिजली आपूर्ति करने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन सुविधाएं प्रदान की गई हैं. इसमें किसानों और सौर उद्योग दोनों के लिए लाभकारी प्रावधान हैं.

किसान इन परियोजनाओं के लिए जमीन पट्टे पर देने को तैयार हैं. उन्हें एक लाख 25 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर प्रतिवर्ष की दर से पट्टा दिये जाने का प्रावधान है, जिससे किसानों को सुनिश्चित आय का साधन उपलब्ध हो सके.

किसानों के हित को प्राथमिकता देने वाला मिशन
इस अभियान के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में 30 हजार करोड़ रुपये के निवेश की उम्मीद है. मिशन 2025 एक महत्वाकांक्षी योजना है जो राज्य की अर्थव्यवस्था और किसानों के कल्याण को प्राथमिकता देती है. मिशन 2025 का क्रियान्वयन न केवल महाराष्ट्र बल्कि पूरे देश के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होने जा रहा है.

मिशन 2025 के तहत दिए गए प्रोत्साहन अनुदान, भूमि उपलब्धता बढ़ाने की प्रक्रिया जैसे कई उपाय राष्ट्रीय स्तर पर भी कुसुम योजना के सफल कार्यान्वयन का मार्गदर्शन करेंगे. इस संबंध में यह भी बताया गया कि महाराष्ट्र मिशन 2025 को सफलतापूर्वक लागू किया जाएगा.

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