DPDC के अन्तर्गत समेकित कुक्कुट विकास योजना मे मिलने वाली सरकारी ‘मुर्गियां’ भी हुईं महंगी ! लाभार्थी को 3000 रुपये कि जगह 5 हजार 420 रुपए चुकाने होंगे !

महंगाई की मार सरकार के मुर्गे तक पड़ रही है. खाने, दवाई, ट्रांसपोर्ट आदि के लिए जरूरी कच्चे माल के दाम बढ़ने से सरकारी मुर्गे भी महंगे हो गए हैं. राज्य सरकार द्वारा अण्डा उत्पादन हेतु 50 प्रतिशत अनुदान पर वितरित मुर्गियों के मूल मूल्य में वृद्धि की गयी है.

प्रदेश में जिला वार्षिक सामान्य योजना (DPDC) के अन्तर्गत समेकित कुक्कुट विकास योजना क्रियान्वित की जा रही है. इस योजना के तहत, अंडा उत्पादन के लिए 25 तालंगा और तीन नर मुर्गियाँ और 100 एक दिन के चूजे लाभार्थियों को वितरित किए जाते हैं.                                                                                                                DPDC के अन्तर्गत समेकित कुक्कुट विकास योजना मे मिलने वाली सरकारी 'मुर्गियां' भी हुईं महंगी ! लाभार्थी को 3000 रुपये कि जगह 5 हजार 420 रुपए चुकाने होंगे !

वर्तमान में हैचिंग एग, पुलेट्स, नर मुर्गियां और दिनभर के चूजों के दाम बढ़ गए हैं. इसके साथ ही मुर्गियों को दिए जाने वाले चारे के लिए जरूरी कच्चे माल की लागत में भारी इजाफा हुआ है. दवाइयां महंगी हैं, ट्रांसपोर्ट खर्चा भी महंगा है. इसी पृष्ठभूमि में इस योजना के तहत बांटे जाने वाले मुर्गों के रेट बढ़ा दिए गए हैं.

पहले 25 तालंगों और 3 नर मुर्गों के एक समूह की कीमत 3,000 रुपये थी. इसे अब बढ़ाकर 4 हजार 200 रुपये कर दिया गया है। लगभग साढ़े तीन किलो भोजन विरोधी, आठ सप्ताह के लिए पिछली लागत 1400 रुपये थी. इसे अब दोगुना यानी 2 हजार 940 रुपये कर दिया गया है. ट्रांसपोर्ट का खर्च 150 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये कर दिया गया है. दवा की कीमत जो पहले 50 रुपये थी, अब बढ़ाकर 700 रुपये कर दी गई है. रैन बसेरों का खर्चा भी एक हजार रुपये से बढ़ाकर दो हजार रुपये कर दिया गया है. जबकि खाने के बर्तनों का खर्चा 400 रुपये से घटाकर 500 रुपये कर दिया गया है. ऐसे तालंगा समूह के लिए पहले के कुल 6 हजार रुपये के खर्च को घटाकर अब 10,840 रुपये कर दिया गया है.

इससे पहले, लाभार्थी को चिकन, दवाइयां, भोजन आदि सहित तालंगा समूह के लिए स्वयं योगदान के रूप में 3000 रुपये का भुगतान करना पड़ता था. लेकिन अब इसके लिए 5 हजार 420 रुपए चुकाने होंगे. 100 सुअर के बच्चों के लिए 8 हजार रुपए देने पड़ते थे. इसके बदले अब 14 हजार 750 रुपए चुकाने होंगे.

एक दिन के चूजों के दाम भी बढ़ गए हैं. पहले 100 चूजों पर रेट 2 हजार रुपए था. इसे बढ़ाकर अब 2 हजार 500 कर दिया गया है. भोजन पर कुल खर्च 12 हजार 400 रुपये से बढ़ाकर 24 हजार रुपये किया गया है. ट्रांसपोर्ट का खर्च 100 रुपये से बढ़ाकर 500 रुपये, दवाओं का खर्च 150 रुपये से बढ़ाकर 1 हजार रुपये कर दिया गया है. हालांकि रैन बसेरे के लिए एक हजार रुपए की दर रखी गई है. खाने की कटोरी की कीमत 350 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए कर दी गई है. इससे पहले 100 गुल्लक के 16 हजार रुपए की लागत अब 29 हजार 500 रुपए हो गई है.