Biogas vikas Subsidy yojna
जाणते है पुरी जाणकारी !
मनरेगा योजना में व्यक्तिगत लाभ योजना में बायोगैस निर्माण हेतु अनुदान देने की योजना पूर्व में प्रारंभ की गई थी, इसी प्रकार की योजना सरकार द्वारा बायोगैस संयंत्र निर्माण हेतु क्रियान्वित की जा रही थी. बाद में उस योजना को बंद कर दिया गया.
इस योजना के लिए राष्ट्रीय बायोगैस के तहत अनुदान दिया गया. लेकिन इस योजना को वर्ष 2020 में राष्ट्रीय बायोगैस प्रभाग योजना के नाम से बंद कर दिया गया. तब से बायोगैस उत्पादन के लिए कोई योजना अस्तित्व में नहीं थी. लेकिन अब मनरेगा के तहत बायोगैस उत्पादन के लिए सब्सिडी योजना को शामिल किए जाने से यह योजना नए सिरे से शुरू हो रही है. यह योजना मनरेगा के तहत व्यक्तिगत लाभ योजना में शामिल है। इसमें इस महत्वपूर्ण योजना के शामिल होने से आम परिवार के सदस्यों को राहत मिलेगी.
राष्ट्रीय बायोगैस और खाद प्रबंधन कार्यक्रम !
१. केंद्र सरकार के 20 सूत्री कार्यक्रम के अंतर्गत आने वाली योजनाएं.
२. इसे केंद्र सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है.
३. 100% केंद्र प्रायोजित योजना.
४. निर्माण के बाद संबंधित सिस्टम के रखरखाव और मरम्मत की 5 साल की जिम्मेदारी.
५. लाभार्थी सूची जिले की वेबसाइट पर उपलब्ध है.
बायोगैस अनुदान योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज !
आधार कार्ड
वोटर आईडी कार्ड
आवास प्रामाण पत्र
बैंक पासबुक
बायोगैस विकास सब्सिडी योजना का उद्देश !
१. बायोगैस एक पर्यावरण पूरक है. जैसा कि हम प्राकृतिक सामग्री से बायोगैस का उपयोग करते हैं, इससे पर्यावरण को कोई खतरा नहीं होता है. यह पर्यावरण के अनुकूल ऊर्जा स्रोत है.
२. साथ ही एलपीजी गैस की कीमत में भारी वृद्धि के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब लोग इसे वहन नहीं कर सकते हैं.
इन सभी मुद्दों को महाराष्ट्र की बायोगैस सब्सिडी योजना के तहत हल किया जाएगा, ताकि इस योजना को मनरेगा के तहत लाने के लिए आम आदमी इस योजना के तहत लाभान्वित हो सकेझ.
३. इसके लिए योजना को मनरेगा के अंतर्गत लाने के लिए मनरेगा अधिनियम 2005 में संशोधन कर इस योजना को व्यक्तिगत लाभ योजना में शामिल किया गया है.
४. अब इस बायोगैस योजना स्थापना योजना को व्यक्तिगत लाभ योजना में शामिल कर लिया गया है. तो अब ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक से अधिक लोग इस व्यक्तिगत लाभ योजना के तहत लाभ प्राप्त कर सकेंगे.
५. यह योजना वर्ष 2022-23 से मनरेगा योजना के अन्तर्गत सम्मिलित की जायेगी.
ग्रामीण क्षेत्रों में बायोगैस निर्माण को केंद्र सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के माध्यम से सब्सिडी दी जाती है. यदि लाभार्थी के पास बायोगैस निर्माण के लिए वित्तीय क्षमता नहीं है, तो राष्ट्रीयकृत और सहकारी बैंकों से ऋण प्रदान किया जाता है. प्राप्त सब्सिडी राशि लाभार्थी के ऋण खाते में जमा की जाती है.
इसके अलावा, अगर बायोगैस का उपयोग खाना पकाने के अलावा अन्य उद्देश्यों के लिए किया जाता है (जैसे – अन्य ऊर्जा स्रोतों के उपयोग को कम करके डीजल की बचत करना, जनरेटर, रेफ्रिजरेटर के लिए बायोगैस का उपयोग करना) प्रति संयंत्र 5000 रुपये की सब्सिडी दी जाती है.
आप जिस प्रकार के बायोगैस का निर्माण करना चाहते हैं, उसके आधार पर आपको इसकी लागत पर विचार करना होगा. कुछ गैर सरकारी संगठन राष्ट्रीय बायोगैस विकास योजना के कार्यान्वयन में शामिल हैं.
बायोगैस योजना की अद्यतन जानकारी के लिए आप पंचायत समिति एवं जिला परिषद कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं.
कहा करे संपर्क ?
जिला स्तर पर – कृषि विकास अधिकारी
तालुका स्तर पर – समूह विकास अधिकारी/कृषि अधिकारी/विस्तार अधिकारी (कृषि)