Cotton Rate – कपास बाजार : आंतरराष्ट्रीय बाजारों में कपास के दामो मे वृद्धी, देशी बाजार पर भी प्रभाव !
देश और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कॉटन रेट दबाव में थे. देश में कपास के बाजार में मार्च महीने से गिरावट आई है.
घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कपास की कीमतों पर दबाव रहा. देश में कपास के बाजार में मार्च महीने से गिरावट आई है. कपास के दाम नहीं बढ़ने से किसान कपास बेच रहे हैं. लेकिन मौजूदा सप्ताह में वायदा में सुधार देखा गया. अमेरिका, भारत, चीन और पाकिस्तान में कपास की कीमतों में मामूली वृद्धि हुई.
इस सप्ताह अमेरिकी कपास वायदा में सुधार देखा गया. कपास वायदा पिछले सप्ताह 80 सेंट प्रति पाउंड पर था.
यह इस सप्ताह 84 सेंट पर पहुंच गया. कपास वायदा करीब 5 फीसदी चढ़ा.
जबकि कैटलुक ए इंडेक्स, दुनिया भर में वास्तविक कपास खरीद की औसत कीमत अपरिवर्तित रही बाजार विश्लेषकों ने कहा कि चीन से अमेरिकी कपास की आवक बढ़ने से कीमतों में सुधार हुआ.
इस सप्ताह चीन में भी कपास की कीमतों में तेजी आई चीन में इस सप्ताह कपास की कीमत में 445 युआन प्रति टन की बढ़ोतरी हुई. चीन में कपास अब 15,650 युआन के भाव बिक रहा है.
पिछले दो दिनों से खबरें आ रही हैं कि चीन में कपड़ा उद्योग में तेजी आ रही है. कहा जा रहा है कि यही असर अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी देखने को मिल रहा है. कपास में भी तेजी आने से कपड़ा और धागे में सुधार हुआ.
हालांकि, ब्राजील में कपास की कीमतों पर दबाव बना रहा. जबकि पाकिस्तान में दरें स्थिर रहीं. इस साल पाकिस्तान में कपास के उत्पादन में बड़ी गिरावट आई है. पाकिस्तान में भी कपास की कीमतों बढी.
पाकिस्तान में इस समय 37 किलो कपास 20 हजार रुपए के भाव बिक रहा है. चालू सप्ताह के दौरान अन्य देशों में कपास की कीमतों में वृद्धि हुई.
बाजार विश्लेषक कह रहे हैं कि मांग में सुधार की खबरों के बाद कीमतों में सुधार हुआ है.
देश में वायदा भी सुधरा
भारत में कपास के सामान में भी वृद्धि हुई. शुक्रवार यानी सप्ताह के आखिरी दिन एमसीएक्स पर कपास का वायदा भाव 180 रुपये चढ़ा. वायदा भाव 63 हजार 260 रुपये प्रति यूनिट पर बंद हुआ था.
अंतरराष्ट्रीय बाजार में वायदा में सुधार का असर देश के वायदा बाजार पर भी पड़ा. अनुमान है कि यह सुधार अगले सप्ताह भी जारी रह सकता है.
क्या है बाजार की स्थिति ?
वायदा में कपास में सुधार का असर कुछ मार्केट कमेटियों में भी देखने को मिला. बाजारों में कपास की कीमतों में 100 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धी हुई. लेकिन कपास के औसत मूल्य स्तर में कोई परिवर्तन नहीं हुआ. कपास की औसत कीमत 7,500 रुपये से 8,100 रुपये के बीच रही. इससे वायदा में सुधार का असर वास्तविक बाजार में कम दिखा.
राज्यवार कपास का आयात !
बाजार में कपास की आवक अभी भी औसत से पांच गुना अधिक थी. बाजार में करीब एक लाख गांठ कपास की आवक हुई थी. गुजरात में सबसे ज्यादा 38 हजार गांठ की आवक हुई. साथ ही महाराष्ट्र में किसानों ने 32 हजार गांठ बिक्री की.
तेलंगाना में उत्तर भारत के बाजार में कपास की 9 हजार 6 हजार गांठ बाजार में आई. पिछले सीजन की माने तो मई के पहले सप्ताह में कपास की औसत दैनिक आवक 20 हजार गांठ से कम थी.
आमदनी घटेगी?
कपास की आवक ज्यादा होने से देश के बाजार मी भी कीमतों पर दबाव है. लेकिन यह स्थिति ज्यादा दिनों तक चलने वाली नहीं लगती. क्योंकि किसानों के पास अब कपास का स्टॉक कम है.
हालांकि कुछ इलाकों में किसानों को कपास ज्यादा दिख रहा है, लेकिन सभी इलाकों में ऐसा नहीं है. ऐसे में बाजार में कपास की आवक घटेगी. बाजार में आवक घटने से कीमतों में भी सुधार हो सकता है.
- NAFED ONION-BUYING – नाफेड के माध्यम से ग्रीष्मकालीन प्याज की खरीद जल्द ही होगी शुरू !
- Pradhan Mantri Fasal Bima Yojana फसल नुकसान : खराब मौसम कि वजह से 10 हजार हेक्टर गेहूं व अन्य फसल बरबाद !
- Making Chili Paste : ग्रीन चिली पेस्ट मेनीफॅकचरिंग करके कमाये लाखो का मुनाफा
- Animal Breeding Act : गाय-भैंस प्रजनन अधिनियम !
- PM Kisan Samman Nidhi Yojana : पी एम किसान सन्मान निधी योजना के लाभ के लिये लाभार्थीयो के बँक खाते से आधार लिकिंग अनिवार्य