Dairy Business : दुग्ध उत्पादक किसानो पे दोहरा संकट !
मक्खन ओर मिल्क पाउडर के दाम घटने से दूध की कीमतों में कमी !
Dairy Business News : गाय के दूध (Cow Milk Rate) के 38 रुपये के रेट जो पिछले तीन से चार महीने से कायम थे, उसमें पिछले कुछ दिनों में एक से दो रुपये की कमी आई है. कहा जा रहा है कि डेयरी उत्पादों के आयात, (Dairy Product Import) देश में मिल्क पाउडर और मक्खन के दाम घटने आदि की चर्चा के कारण दूध की कीमतों में कमी आई है. गर्मी के कारण दूध उत्पादन (Milk Production) में कमी आई है.
राज्य में ज्यादातर किसान दूध के कारोबार पर निर्भर हैं. राज्य में लगभग 70 सहकारी समितियां और 300 से अधिक निजी दूध संघ दो से ढाई लाख लीटर दूध एकत्र करते हैं.
इसमें से 40 प्रतिशत दूध पाउडर, मक्खन और अन्य डेयरी उत्पाद हैं. उपभोक्ताओं को साठ प्रतिशत दूध पाउच में बेचा जाता है. इसके अलावा, राज्य में लगभग 25 लाख लीटर दूध सीधे उपभोक्ताओं को बेचा जा रहा है.
कोरोना के दौरान मांग में कमी के कारण दूध की कीमतों में भारी गिरावट आई थी. यहां तक कि कई इलाकों में इसे 16 से 17 रुपये प्रति लीटर में खरीदा जा रहा था. उसके बाद दो साल में धीरे-धीरे दूध के दाम बढ़ते गए.
पिछले तीन महीने से दूध 38 रुपये प्रति लीटर बिका. अच्छी कीमत, चारा, पानी आदि की उपलब्धता ने किसानों का रुझान दुग्ध उत्पादन की ओर बढ़ाया. इससे सात से दस प्रतिशत दुग्ध उत्पादन में वृद्धि हुई. लेकिन पिछले कुछ दिनों से दूध के रेट एक से दो रुपए प्रति लीटर कम हो गए हैं.
दूध खरीद नीति पाउडर, मक्खन की खरीद पर निर्भर करती है. चर्चा चल रही है कि सरकार दूध पाउडर, मक्खन और अन्य डेयरी उत्पादों का आयात करेगी. इसका मिल्क पाउडर, बटर खरीदारों ने फायदा उठाया.
इससे पाउडर की कीमत में करीब 30 रुपये की गिरावट आई है. कहा जा रहा है इसी कारण दूध की किमतो मे गिरावट आने की बात कही जा रही है. किसानों का कहना है कि डेयरी उत्पादों की आयात नीति को लेकर सरकार को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए.
ग्रीष्म ऋतु की तीव्रता अधिक होती है. इस साल भी हर साल की तरह गर्मी के कारण उत्पादन में दस फीसदी की कमी आई है. चारे के दाम मे भी वृद्धी हुई है. दूध के दाम घटने से किसानों के सामने दोहरी मुसीबत खड़ी हो गई है. हर साल गर्मी के मौसम में दूध और दूध से बने उत्पादों की डिमांड रहती है. इस साल पहली बार उत्पादन कम है और कीमत भी कम है.
डेयरी उत्पादों के आयात को लेकर चर्चा जारी रहने से मक्खन, दूध पाउडर के दाम घटे. इससे दूध के दाम में एक रुपए की कमी आई है. राज्य में दूध के कारोबार पर चारा, पानी और ‘गांठदार चमड़ी’ का कोई असर नहीं है. इसके विपरीत हाल के दिनों में दुग्ध उत्पादन में 7 से 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.