Economic Survey 2023 : सस्ता खाद्यान्न कल्याणकारी योजना के अनुदान मे बढोत्री !

Economic Survey 2023 : सस्ता खाद्यान्न कल्याणकारी योजना के अनुदान मे बढोत्री !

देश के नागरिकों को सस्ता खाद्यान्न उपलब्ध (Food Supply) कराने के लिए सरकार एक कल्याणकारी योजना लागू करती है. उसके लिए सरकार को सब्सिडी (Food Subsidy) देनी पड़ती है. 2020-21 में खाद्यान्न पर सब्सिडी में बड़ी बढ़ोतरी की गई. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (Economic Survey 2022-23) के मुताबिक, पिछले साल भी 2 लाख 88 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी देनी पड़ी थी.

केंद्र सरकार ने कोरोना के समय से अनाज वितरण योजना का विस्तार किया है. कुछ नई योजनाएं भी शुरू की गईं. सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को सस्ता अनाज उपलब्ध करा रही है. साथ ही गरीबों को सस्ता अनाज उपलब्ध कराने के लिए अंत्योदय अन्न योजना शुरू की गई. कड़कड़ इन जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से अनाज वितरण के लिए गारंटी के तहत किसानों से कृषि उपज खरीदते हैं.

केंद्र सरकार ने साल 2022-23 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पीएम-पोषण योजनाओं के लिए 600 लाख टन अनाज जारी किया था. जबकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के लिए 358 लाख 83 हजार टन खाद्यान्न की आपूर्ति की गयी. जबकि अन्य योजनाओं के लिए 11 लाख टन अनाज का वितरण किया गया.

सरकार ने कोरोना काल में नागरिकों को सस्ता अनाज उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू की है. इसलिए, दो वर्षों 2020-21 और 2021-22 में खाद्यान्न सब्सिडी की राशि में काफी वृद्धि हुई है. सरकार को 2020-21 में अब तक की सबसे ज्यादा सब्सिडी देनी थी. इस साल सरकार को खाद्यान्न सब्सिडी पर 5 लाख 29 हजार करोड़ रुपए खर्च करने पड़े. 2021-22 में 2 लाख 88 हजार की सब्सिडी देनी थी.

  • सब्सिडी पर वार्षिक सरकारी व्यय (लाख करोड़ में)
    २०२१-२२…२.८८
    २०२०-२१…५.२९
    २०१९-२०…१.६४
    २०१८-१९…१.७१
    २०१७-१८…१.४०