Edible Oil Market : सोयाबीन उत्पादन किसानों के लिये चिंताजनक खबर ?
खाद्य तेल कि किमत में भारी गिरावट से सोयाबीन तथा तिलहन उत्पादको किसानो पर गहरा संकट !
Edible Oil Market Update : इस साल सोयाबीन (Soybean) बाजार को सोयाबीन मील रेट से सपोर्ट मिला. लेकिन सोयातेल को निराशा हाथ लगी. सीजन की शुरुआत से ही सोयाबीन तेल की कीमतों पर दबाव आ गया था.
खाद्य तेल बाजार अद्यतन इस वर्ष सोयाबीन बाजार को सोयाबीन मील का समर्थन प्राप्त था. लेकिन सोयातेल को निराशा हाथ लगी. सीजन की शुरुआत से ही सोयाबीन तेल की कीमतों पर दबाव आ गया था. सिर्फ सोयाबीन तेल ही नहीं बल्कि सूरजमुखी (Sunflower) और सरसों तेल (Mustard Oil) के दाम भी नीचे आ गए हैं.
पिछले दो सप्ताह की ही बात करें तो सभी खाद्य तेलों की कीमतों में भारी गिरावट आई है. लेकिन उपभोक्ताओं या उत्पादकों के लिए ऐसा नहीं है. उल्टे सरसों और सोयाबीन उत्पादकों पर मार पड़ रही है.
अंतरराष्ट्रीय बाजार और घरेलू थोक बाजार में तेल की कीमतें इस हद तक कम हुई हैं कि उपभोक्ताओं के लिए कीमतें कम नहीं हुई हैं. हालांकि उद्योगों की ओर से किसानों की सोयाबीन की कीमत कम कर दी गई है.
सस्ते खाद्य तेल आयात के बावजूद उपभोक्ताओं को अधिक भुगतान करना पड़ता है. लेकिन सस्ते आयात से सोयाबीन और सरसों उत्पादकों को नुकसान हो रहा है.
सोयाबीन की कीमतों पर दबाव है. लेकिन सरसों के भाव गारंटीकृत भाव के स्तर पर नहीं पहुंचे हैं. किसान अभी भी कीमतों में बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं.
पिछले दो हफ्तों में खाद्य तेल की कीमतों में 500-700 रुपये की गिरावट आई है. लेकिन तेल विक्रेताओं ने दाम कम नहीं किए। इसलिए सरकार ने नाराजगी जताई.
सरकार ने सुझाव दिया कि ‘सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया’ या ‘एसईए’ को अपने सदस्यों से दरों को कम करने के लिए कहना चाहिए.
‘एसईए’ के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में जैसे-जैसे रेट घटे हैं, वैसे-वैसे देश में भी रेट घट रहे हैं.
पामोलिन के भाव में 350 रुपए प्रति क्विंटल की कमी आई है। सरकी तेल 550 रुपए सस्ता हुआ.
मूंगफली तेल के भाव में भी 500 रुपए की गिरावट आई है.
सूरजमुखी तेल की कीमतों में भी कुछ हद तक गिरावट आई.
खाद्य तेलों में सबसे ज्यादा सरसों और सोयाबीन तेल के दाम गिरे। देश के बाजार में किसानों की सरसों आ रही है.
इस साल अच्छा उत्पादन होने से देश में उत्पादन बढ़ेगा.
लेकिन सरकार ने पैंट को भी आयात पर लगा दिया। किसान इसकी चपेट में आ रहे हैं.
सबसे ज्यादा गिरावट सरसों तेल के भाव में आई है सरसों तेल की कीमतों में 650 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है.
सरसों का तेल जो 21 अप्रैल को 1040 रुपये पर था, अब 975 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है. पिछले साल यही कीमत 1550 रुपए थी.
किसानों की सरसों के बाजार में आने के बाद ही कीमत में बड़ी गिरावट आई है. नतीजतन सरसों के भाव अब भी गारंटीकृत भाव से 500 रुपये कम हैं.
सोया तेल में फिर गिरावट है पिछले दो सप्ताह में सोयाबीन तेल की कीमतों में भी 600 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है. 21 अप्रैल को सोयाबीन तेल के भाव 1035 रुपये प्रति क्विंटल थे. ये अभी 975 रुपये पर हैं.
लेकिन पिछले साल मई की शुरुआत में सोयाबीन तेल 1,650 रुपये के स्तर को छू गया था. यानी मौजूदा भाव पिछले साल के मुकाबले 675 रुपये प्रति क्विंटल कम है.
आयात शुल्क बढ़ाने की मांग चालू सीजन की शुरुआत से ही सोयाबीन तेल की कीमतों पर दबाव बना हुआ है. लेकिन अब यह दबाव काफी बढ़ गया है.
मौजूदा सीजन में सोयाबीन की कीमत को केवल सोयाबीन मील से सपोर्ट मिल रहा है. तेल की कीमतों में गिरावट से सोयाबीन और सरसों की कीमतों पर दबाव रहा.
किसानों को अच्छी कीमत नहीं
- Mushroom Industry : गढचिरोली स्थित मशरूम उद्योग से महिला कमा रही है लाखो का मुनाफा
- Water Conservation Scheme : जल संरक्षण योजनाओं में महाराष्ट्र अव्वल
- Plastic Mulching Types : प्लास्टिक फिल्म के उपयोग से होगी 25 से 30 प्रतिशत तक पानी की बचत !
- Cotton Rate – कपास बाजार : आंतरराष्ट्रीय बाजारों में कपास के दामो मे वृद्धी, देशी बाजार पर भी प्रभाव
- NAFED ONION-BUYING – नाफेड के माध्यम से ग्रीष्मकालीन प्याज की खरीद जल्द ही होगी शुरू !