POCRA Subsidy : POCRA के तहत बांटी गई 97 करोड़ की सब्सिडी !

POCRA Subsidy : POCRA के तहत बांटी गई 97 करोड़ की सब्सिडी !

POCRA Subsidy : POCRA के तहत बांटी गई 97 करोड़ की सब्सिडी नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी परियोजना (POCRA) तीन चरणों में 384 गांवों को कवर करती है. इस परियोजना के तहत गांव में व्यक्तिगत घटक के साथ-साथ किसान उत्पादक कंपनियों के साथ-साथ समूहों को योजना के अनुसार सब्सिडी प्रदान की जाती है.

पोकरा परियोजना जिले में क्रियान्वित की जा रही है. जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी रवि शंकर चालवाडे के अनुसार व्यक्तिगत घटक वाली कृषक उत्पादक कंपनियों एवं समूहों के लिए विभिन्न योजनाओं पर मार्च माह के अंत में 97 करोड़ रुपये अनुदान वितरण किया गया है.

नानाजी देशमुख कृषि संजीवनी परियोजना (POCRA) तीन चरणों में 384 गांवों को कवर करती है. इस परियोजना के तहत गांव में व्यक्तिगत घटक के साथ-साथ किसान उत्पादक कंपनियों और समूहों को योजना के अनुसार सब्सिडी प्रदान की जाती है.

नांदेड़ में आज तक किसानों के लिए व्यक्तिगत लाभ घटक वृक्षारोपण, बाग वृक्षारोपण, पॉलीहाउस, शेडनेट हाउस, शेडनेट के साथ फूल, सब्जी रोपण, रेशम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मीठे पानी में मछली पालन, अन्य कृषि आधारित उद्योग, वर्मीकम्पोस्टिंग इकाई, नडेप खाद, जैविक इनपुट में पाए जाते हैं.

POCRA के तहत बांटी गई 97 करोड़ की सब्सिडी !
POCRA के तहत बांटी गई 97 करोड़ की सब्सिडी !

20 हजार 682 किसानों को खेत, खेत लाइनिंग, कुआं, ड्रिप सेट, फ्रॉस्ट सेट, पंप सेट के लिए 847 करोड़ 59 लाख की राशि दी गई.

कृषि उत्पादन के लिए कृषक उत्पादक कंपनियों, कृषक समूहों को 13 करोड़ 28 लाख 4 हजार के साथ कृषि यंत्रों के लिए 60 प्रतिशत वित्तीय सहायता बैंकों के लिए दी गई है, कृषि के लिए जलवायु अनुकूल उभरती मूल्य श्रृंखला के सुदृढ़ीकरण के तहत बैंकों द्वारा मूल्यांकन किए गए व्यावसायिक प्रस्ताव उत्पादन.

गैर-किसानों के लिए भी आधार !

इस परियोजना में भूमिहीन परिवार के सदस्यों, विधवाओं, परित्यक्त महिलाओं, तलाकशुदा महिलाओं एवं अनुसूचित जाति, जनजाति की महिला किसानों को बकरी पालन एवं घर में मुर्गी पालन कर लाभान्वित किया जा रहा है.

इस परियोजना के तहत जलवायु अनुकूल किस्मों के बीज उत्पादन, बीज प्रसंस्करण उपकरण, बीज सुखाने के यार्ड, बीज भंडारण गोदाम के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है.

परियोजनान्तर्गत ग्रामों में लघु, सूक्ष्म आय वाले कृषकों (2 हेक्टेर तक भूमि वाले) एवं भूमिहीन परिवारों को व्यक्तिगत लाभ मदों हेतु 75 प्रतिशत वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है. साथ ही कृषि विभाग से जानकारी मिली कि जिन किसानों के पास 2 हेक्टेर से अधिक लेकिन 5 हेक्टेर तक भूमि है, उन्हें व्यक्तिगत लाभ के लिए 65 प्रतिशत आर्थिक सहायता दी जा रही है.