Vegetable Nursery – इस टेकनिक से बनाये नर्सरी ओर कमायें लाखो का मुनाफा !

Vegetable Nursery – इस टेकनिक से बनाये नर्सरी ओर कमायें लाखो का मुनाफा !

Vegetable Crop : सब्जियों की फसलें मौसमी प्रकृति की होती हैं. वे बोने से लेकर कटाई तक कई बीमारियों और कीड़ों के लिए अतिसंवेदनशील होते हैं.

यदि नर्सरी की ठीक से देखभाल Vegetable Management नहीं की गई तो पौधे बौने रह जाते हैं और रोगग्रस्त हो जाते हैं. ऐसे संयंत्र उत्पादन घटाते हैं और लागत बढ़ाते हैं.

सब्जियों की फसलों में पत्तेदार सब्जियां, गाजर, मूली, भिंडी, घेवड़ा आदि प्रमुख हैं. स्थायी स्थान पर बीज लगाए जाते हैं, जबकि टमाटर, मिर्च, गोभी, फूल, प्याज जैसी सब्जियों की फसलों को पहले लगाया जाता है और फिर स्थायी स्थान पर लगाया जाता है.

पौध तैयार करने की एक विशेष तकनीक भी है. नर्सरी तैयार करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इस बारे में महात्मा फुले कृषि विश्वविद्यालय द्वारा दी गई जानकारी निम्न है.

रोपण कैसे तैयार करें ?

नर्सरी के लिए हरी, सेडम या अन्य खरपतवार वाली भूमि का प्रयोग न करें. उपयुक्त भूमि का चयन कर उसमें 1 बाल्टी अच्छी तरह सड़ी हुई गाय का गोबर डालें. 20 से 25 सेमी. मैं। मिट्टी की गहराई तक जुताई करनी चाहिए और कुलवा की 2-3 कतारें भूसी बना लेनी चाहिए.

भूमि की सघनता के बाद 3 मी. लंबा, 1 मीटर चौड़ा और 15 से 20 सेमी. मैं एक लम्बे गद्दे को भाप देना चाहिए.
उत्पादन बढ़ाने के लिए शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण सब्जियों के बीजों का उपयोग महत्वपूर्ण है.

यदि बीज अच्छा नहीं है तो सब्जी की खेती के अन्य पहलुओं पर होने वाला सारा खर्च बर्बाद होने की संभावना है. बीज बोते समय सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि संकर बीजों की दर अधिक होती है.

भाप की चौड़ाई के समानांतर 1.5 सेमी. कमरे के कोमल हाथ से रेखा बनाकर बीज को पतला-पतला बो दें और उसे मुलायम मिट्टी से ढक दें. दो रेखाओं के बीच की दूरी 6 सेमी. मैं रखा जाना चाहिए.

गर्मी के मौसम में मिट्टी की ऊपरी परत को सख्त न करने तथा सर्दियों में आद्रता बढ़ाने के लिए चावल, धान और गेहूं की फसल की भूसी को हल्के से भाप पर फैला देना चाहिए और 10 से 20 प्रतिशत होने पर निकाल देना चाहिए. मिट्टी दिखाई देती है.

बीज बोने के बाद क्यारियों को जरी से सींचना चाहिए. बीजों के अंकुरित होने तक आवश्यकतानुसार सुबह-शाम पानी देना चाहिए. अनुकूल परिस्थितियों में फसल के आधार पर बीजों की बुवाई से 6 से 8 दिनों में अंकुरण, अंकुरण और पत्ते आना शुरू हो जाते हैं.