इस योजना के तहत कांदा उत्पादक किसानों को मिलेंगे १ लाख ६० हजार रुपये ?

इस योजना के तहत कांदा उत्पादक किसानों को मिलेंगे १ लाख ६० हजार रुपये ?

Kanda Chal Anudan : ‘रोह्यो’ से कांदाचाळ को मिलेंगे 1 लाख 60 हजार रुपये !

प्याज किसान इससे व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से लाभान्वित हो सकते हैं. साथ ही सामूहिक खेती, महिला स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक लाभ मिल सकता है. कंदाचाळ स्थापित करने के लिए पंचायत, कृषि विभाग, लोक निर्माण विभाग, जिला परिषद निर्माण विभाग, विपणन विभाग क्रियान्वयन तंत्र के रूप में कार्य करेगा.

Agriculture Scheme : कई किसान रबी सीजन की कटाई के तुरंत बाद प्याज बेचते हैं क्योंकि वैज्ञानिक भंडारण की कोई व्यवस्था नहीं है.

वैज्ञानिक भंडारण प्रणाली की कमी के कारण कई किसान रबी मौसम की फसल के तुरंत बाद प्याज बेच देते हैं.
नतीजतन, कीमतें गिरती हैं.

यह एक बड़े वित्तीय प्रभाव का कारण बनता है. इसलिए प्याज के बाजार मूल्य में उतार-चढ़ाव से सुरक्षा के साथ-साथ प्याज की भंडारण क्षमता बढ़ाने, स्थानीय बाजार में सही कीमत पर आपूर्ति और निर्यात मांग को पूरा करने की जरूरत थी.

इस मामले को संज्ञान में लेते हुए राज्य सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत कंदाचल की स्थापना को मंजूरी दे दी है. इस संबंध में रोजगार गारंटी योजना विभाग के अपर मुख्य सचिव नंद कुमार के हस्ताक्षर से शासन का निर्णय लिया गया है. इस हिसाब से 1 लाख 60 हजार रुपए मिलेंगे.

राज्य में अमृत महोत्सव फलदार वृक्ष, वृक्षारोपण एवं पुष्प फसल रोपण कार्यक्रम रोजगार गारंटी योजना के तहत व्यक्तिगत हितग्राही के निकटवर्ती खेत, खेत तटबंध एवं परती भूमि पर चलाया जा रहा है. इस योजना में अकुशल मजदूरी की दर में संशोधन कर एक अप्रैल से प्रदेश में मजदूरी की दर 273 रुपये प्रति मानव दिवस निर्धारित की गयी है.

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे द्वारा 12 अप्रैल को हुई बैठक में कृषि विभाग को मनरेगा के तहत प्याज की खेती को शामिल करने का प्रस्ताव देने का निर्देश दिया गया था. तदनुसार, कंदचली को शामिल किया गया है.

चूंकि प्याज जल्दी खराब होने वाली फसल है, इसलिए वैज्ञानिक तरीके से फसल कटाई के बाद भंडारण नहीं करने पर 45 से 60 फीसदी तक नुकसान हो जाता है.

इसमें नुकसान मुख्य रूप से वजन घटाने, प्याज सड़ने और अंकुरित होने से होता है. इसलिए भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए कंदाचल के निर्माण को लेकर शासन स्तर से निर्णय लिया गया है.

वर्तमान में मनरेगा की अकुशल श्रम दर 273 रुपये के अनुसार प्याज परियोजना के निर्माण हेतु आवश्यक कुल मानव दिवस 352.45 है, जिसके अनुसार श्रम लागत 96 हजार 220 रुपये एवं सामग्री की लागत रुपये है. श्रम लागत के 40 प्रतिशत की सीमा में 64 हजार. मनरेगा में श्रम एवं सामग्री की कुल लागत एक लाख 60 हजार 367 रुपये होगी.

यदि अगले वित्तीय वर्ष में मजदूरी दर बढ़ती है तो यह भी बढ़ेगी। जबकि शेष राशि 2 लाख 98 हजार 363 रुपये जनता के हिस्से से प्रस्तावित है.

प्याज व्यय की प्रकृति (रुपये में)
अकुशल (60 प्रतिशत)…96,220
कुशल (40 प्रतिशत)…64,147
मनरेगा के तहत कुल…1,60,367
अतिरिक्त कुशल व्यय के लिए सार्वजनिक हिस्सा…2,98,363
कंदचली का कुल खर्च…4,58,730

इनको मिलेगा लाभ !

प्याज की चाली की चौड़ाई 3.90 मीटर,
लंबाई 12.00 मीटर और ऊँचाई 2.95 मी
यह ग्राउंड से टाई लेवल तक होगा.

प्याज किसान इससे व्यक्तिगत और सामूहिक रूप से लाभान्वित हो सकते हैं. साथ ही सामूहिक खेती, महिला स्वयं सहायता समूहों को सामुदायिक लाभ मिल सकता है. कंदाचल स्थापित करने के लिए पंचायत, कृषि विभाग, लोक निर्माण विभाग, जिला परिषद निर्माण विभाग, विपणन विभाग क्रियान्वयन तंत्र के रूप में कार्य करेगा.