Agriculture Electricity : अब खेत मे रहेगी दिनभर बिजली ?

Agriculture Electricity : अब खेत मे रहेगी दिनभर बिजली ?

मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना – 2 के तहत निर्बाध और टिकाऊ बिजली आपूर्ति अभियान !

Electricity : राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना दो’ के तहत किसानों को दिन में बिजली आपूर्ति करने के लिए मिशन मोड पर कृषि फीडरों को सौर संचालित बनाने के लिए निर्बाध और टिकाऊ बिजली आपूर्ति अभियान को मंजूरी दी है.

Mumbai News : राज्य सरकार ने किसानों को दिन में बिजली आपूर्ति करने के लिये मिशन मोड पर कृषि फीडरों को सोलराइज करने के लिये ‘मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना दो’ के तहत निर्बाध और टिकाऊ बिजली आपूर्ति अभियान को मंजूरी दे दी है.

यदि यह अभियान सफल होता है, तो यह कृषि के लिए आवश्यक बिजली की सही मात्रा को मापने में मदद करेगा. इस अभियान के क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर विभिन्न समितियों का भी गठन किया गया है.

इस अभियान के तहत मुख्यमंत्री सौर कृषि चैनल को और अधिक कुशल और सुव्यवस्थित बनाने के लिए, 2025 तक राज्य में कम से कम 30 प्रतिशत कृषि बिजली चैनल को सौर करने के लिए एक तकनीकी, वित्तीय, परिचालन और निगरानी योजना तैयार करने और 7,000 मेगावाट प्रदान करने के लिए किसानों को दिन में निर्बाध और सतत विद्युत आपूर्ति के लिए सौर ऊर्जा क्षमता का निर्माण किया जाएगा.

महाराष्ट्र राज्य विद्युत बोर्ड इस योजना की नोडल एजेंसी है और इस योजना का क्रियान्वयन सरकार द्वारा नियुक्त तंत्र के माध्यम से किया जायेगा तो इस योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी महावितरण की होगी.

भविष्य में कृषि क्षेत्र के लिए एक स्वतंत्र विद्युत कंपनी की स्थापना के माध्यम से इस योजना को क्रियान्वित किया जाएगा.

इस अभियान के तहत शासकीय बंजर भूमि, शासकीय भूमि, अर्धशासकीय भूमि, महापर्वेशन, महानीर्तिमा एवं महावितरण कम्पनी एवं महाशक्ति की अधिशेष भूमि, बांधों के जलाशय, निजी भूमि का उपयोग प्राथमिकता के आधार पर सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिये किया जायेगा.

इन जमीनों को उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी जिला कलक्टर की होती है. महावितरण द्वारा उपकेन्द्रों की जानकारी एवं आवश्यक भूमि प्रतिवेदन कलेक्टर को दिये जाने पर 45 दिवस के अन्दर भूमि उपलब्ध करा दी जायेगी.

जिन स्थानों पर शासकीय भूमि उपलब्ध नहीं है, वहां निजी भूमि की उपलब्धता हेतु पंजीयन एवं स्टाम्प शुल्क जमा करने एवं आयुक्त महाभूलेख पोर्टल पर विद्युत उपकेन्द्र हेतु पांच किलोमीटर के दायरे में निजी भू-स्वामियों की सूची तैयार कर उनकी भूमि उपलब्ध करानी होगी.

महावितरण कंपनी या डेवलपर को पट्टे पर या अन्य माध्यम से इच्छुक किसानों की सूची नोडल एजेंसी या महावितरण कंपनी को उपलब्ध करानी होगी.

फसल ऋण से दबी भूमि पर भी परियोजना के लिए विचार किया जाएगा. साथ ही अधिग्रहीत भूमि को गैर कृषि योग्य बनाने की भी आवश्यकता नहीं होगी. राजस्व प्रणाली इन जमीनों के गैर-कृषि उपयोग के लिए अनुमति का प्रमाण पत्र तुरंत जारी करेगी.

प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में बनी कमेटी इस अभियान के क्रियान्वयन के लिए ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में एक समिति गठित की जायेगी. समिति में महावितरण के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, महानिरतिरण, महापरेशन एवं महाशक्ति, मुख्य विद्युत निरीक्षक सदस्य होंगे. ऊर्जा विभाग के उप सचिव सदस्य सचिव होंगे.

इन अभियानों के क्रियान्वयन में आने वाली कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए राज्य स्तर से योजना में आवश्यक संशोधन अथवा परिवर्तन की सिफारिश तदनुरूप की जायेगी.

उद्योग, व्यवसायिक ग्राहकों को लाभ सरकार का मानना ​​है कि यह अभियान औद्योगिक और वाणिज्यिक बिजली उपभोक्ताओं पर लगने वाली क्रॉस सब्सिडी को कम करेगा और औद्योगिक और वाणिज्यिक बिजली दरों को कम करेगा.

इस अभियान के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में विकेन्द्रीकृत तरीके से 7000 मेगावाट सौर ऊर्जा परियोजनाओं का निवेश किया जाएगा। सरकार का यह भी मानना ​​है कि इस अभियान से 6,000 पूर्णकालिक और 13,000 अंशकालिक नौकरियां पैदा होंगी.

कृषि बिजली को सटीक रूप से मापा जाएगा किसानों को उनकी मांग के अनुसार दिन के दौरान सही लोड पर फार्म पंपों के लिए बिजली की आपूर्ति मिलेगी, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए कितनी बिजली का उपयोग करना है, इसकी सटीक जानकारी मिल सकेगी.

अधिकारियों का यह भी कहना है कि इस अभियान से सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि पट्टे पर देने वाले किसानों को 25 वर्षों की अवधि के लिए आय का एक स्थायी स्रोत उत्पन्न करने में मदद मिलेगी.

Agriculture Electricity : अब खेत मे रहेगी दिनभर बिजली ?
Agriculture Electricity : अब खेत मे रहेगी दिनभर बिजली ?

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