Agri Tourism Business : कृषि पर्यटन व्यवसाय से कमाये करोडो का मुनाफा ?

Agri Tourism Business : कृषि पर्यटन व्यवसाय से कमाये करोडो का मुनाफा ?

Agri Tourism Development Corporation : बारामती में 1970 के दौरान भारत में पहली बार, वरिष्ठ कृषक श्री अप्पासाहेब पवार और उनके साथियों ने कृषि पर्यटन विकास निगम की स्थापना की.

Agritourism Business News : भारत में पहली बार 1970 के दशक में बारामती में एक वरिष्ठ कृषक श्री. अप्पासाहेब पवार और उनके साथियों ने कृषि पर्यटन विकास निगम की स्थापना की 2005 के बाद, राज्य में कृषि पर्यटन को वास्तविक बढ़ावा मिला.

महाराष्ट्र राज्य कृषि और ग्रामीण पर्यटन सहकारी संघ (मार्ट) की स्थापना 2008 में कृषि पर्यटन के माध्यम से ग्रामीण और महाराष्ट्र के विकास के उद्देश्य से की गई थी. वर्ष 2010 में प्रदेश में 80 कृषि पर्यटन केन्द्र कार्यरत थे.

इसे बंजर भूमि के विकास और आय के नए स्रोत के रूप में देखा गया। ग्रामीण प्राकृतिक सौन्दर्य एवं संस्कृति संरक्षण की दृष्टि से पर्यटन को बढ़ावा दिया गया. वर्ष 2013 में, राज्य में 125 केंद्र थे और 2019 में यह संख्या बढ़कर 300 से अधिक हो गई और आज 475 पंजीकृत केंद्र हैं.

निर्माण के दौरान कोरोना संकट मार्ट ने भूगोल को ध्यान में रखते हुए कृषि पर्यटन को राज्य में छह प्रभागों में विभाजित किया है. इसमें कोंकण, पुणे, नासिक, औरंगाबाद, अमरावती और नागपुर शामिल हैं. कृषि पर्यटन विकास निगम के निरीक्षण के अनुसार कृषि पर्यटन केन्द्रों पर 2014 में चार लाख, 2015 में 5.3 लाख तथा 2016 में सात लाख पर्यटक आए थे.

किसान परिवारों को 358 लाख रुपये की आय प्राप्त हुई.
इस बीच 2020 में कोरोना संकट की वजह से पर्यटन व्यवसाय को बड़ा आर्थिक झटका लगा है. केंद्रों को बंद करना पड़ा. यह स्थिति पिछले साल से लौट रही है.

पेशेवरों ने पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए नई सुविधाएं और सुधार करना शुरू कर दिया है. महिलाओं की बढ़ती भागीदारी: महाराष्ट्र देश का पहला राज्य बन गया है और पुणे भारत में महिला कृषि पर्यटन शुरू करने वाला राज्य का पहला जिला बन गया है.

2017 में, सीमा प्रशांत पाटने ने पुणे से 54 किमी दूर भटघर बांध के पास भोर में सिर्फ 3 एकड़ में महिलाओं के लिए महिलाओं द्वारा संचालित गोकुल कृषि पर्यटन केंद्र शुरू किया.

यहां 25 महिलाओं को रोजगार दिया गया है. यहां डेढ़ करोड़ से ज्यादा का निवेश है. महिलाएं पर्यटन केंद्रों में पेड़ों के रख-रखाव, सफाई, पर्यटकों का स्वागत, स्वच्छ खाना पकाने, गोबर बनाने, गोधा बनाने और बेचने, झाड़ू, टोकरी, हस्तशिल्प, ताजी सब्जियां पैक करने और प्रसंस्कृत भोजन बनाने जैसी विभिन्न गतिविधियों में शामिल हैं.

पर्यटन निदेशालय से पंजीकरण प्रदेश में 2020 में पर्यटन नीति लागू होने के बाद कृषि पर्यटन को प्राथमिकता दी गई. इसके लिए पर्यटन निदेशालय में पंजीकरण कराने की अपील की गई है. पुणे मंडल के पांच जिलों पुणे, सतारा, सांगली, सोलापुर, कोल्हापुर से 391 आवेदन प्राप्त हुए हैं.

इनमें से 243 पर्यटन केंद्रों को प्रमाण पत्र दिया गया है. सुप्रिया कर्मकार-दातार, सहायक उप निदेशक, पुणे मंडल, पर्यटन निदेशालय ने कहा कि इससे व्यवसायियों को बैंकों और विभिन्न सरकारी योजनाओं से ऋण प्राप्त करने में बहुत मदद मिलेगी.