Silk Industry : अब जेलों मे कैंदी करेंगे रेशीम कि खेती ?
Sericulture : पुणे की खुली जेलों में विभिन्न अपराधों के लिए सजा काट रहे बंदियों (कच्चे कैदियों) को रेशम उद्योग शुरू करने के लिए प्रशिक्षण सत्र दिया जाएगा ताकि वे अपनी सजा पूरी करने के बाद समाज में फिर से प्रवेश कर सकें.
Pune : पुणे की खुली जेलों में विभिन्न अपराधों के लिए सजा काट रहे दोषियों को सजा पूरी होने के बाद रेशम उद्योग शुरू करने का प्रशिक्षण दिया जाएगा.
इसके लिए राज्य के रेशम उद्योग विभाग ने पहल की है. रेशम कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि इस योजना को लागू करने के लिए जेल अधिकारियों से चर्चा चल रही है और जल्द ही प्रदेश की जेलों में यह गतिविधि शुरू की जाएगी.
राज्य में शहतूत की खेती का मौसम जून से सितंबर तक होता है. इससे पहले, कैदियों को शहतूत के बीज से कटिंग तैयार करने, कटिंग का रासायनिक उपचार, ग्राफ्टिंग के लिए मैट वेपर तैयार करने और वास्तव में मैट वेपर पर कटिंग कैसे लगाई जाती है, इस पर प्रशिक्षित किया जाएगा.
तत्पश्चात शहतूत की खेती अवधि में कलमों को पौध के रूप में तैयार कर खेत में बेलपत्र विधि से रोपने की जानकारी प्रदर्शन अधिकारी मौके पर ही देंगे.
शहतूत रोपण के साथ-साथ शहतूत उद्यान प्रबंधन की जानकारी, कीटनाशकों का समय-समय पर छिड़काव, रेशमकीट पालन पर प्रशिक्षण चार से पांच महीने में बाग बढ़ने के बाद प्रदान किया जाएगा.
इस प्रशिक्षण के बाद ये रेशम वास्तव में बाजार में कैसे बेचे जाते हैं. उसे कीमत कैसे मिलती है, इसकी जानकारी अधिकारियों के माध्यम से देने की योजना है.
इसलिए, कैदी सीखेंगे कि यह उद्योग किसान के लिए कितना महत्वपूर्ण है और उसका कार्य अनुभव इस ओर मुड़ेगा
विगत कई वर्षों से खुली जेलों में सजा काट रहे बंदियों को रेशम के संदूक बनाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
ये कैदी अपनी सजा पूरी होने के बाद रेशम उद्योग का प्रशिक्षण लेने के बाद अपने गांव चले जायेंगे. वे अपने खेतों या अन्य जगहों पर कृषि में इस उद्योग को शुरू कर सकते हैं. इसलिए उनके लिए पैसे कमाने का एक विकल्प उपलब्ध होगा.
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