Agriculture Export : कृषि, प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात में भारत प्रथम स्थान पर !
भारत ने पिछले सीजन में कृषि निर्यात में अच्छा प्रदर्शन किया था. 2022-23 के दौरान कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
Agriculture Export : भारत ने पिछले सीजन में कृषि निर्यात (Agriculture Export) में अच्छा प्रदर्शन किया. वर्ष 2022-23 में कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य निर्यात (Processed Food Export) में 9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
इसमें चावल, फल और सब्जियां के साथ पशुधन और डेयरी उत्पादन मौजूद थे. इस साल भारत ने 2 हजार 630 करोड़ डॉलर का निर्यात किया है. ‘एपीडा’ के तहत निर्यात दो हजार 356 करोड़ डॉलर के लक्ष्य पर पहुंच गया है.
भारत विश्व में चावल का एक महत्वपूर्ण निर्यातक देश है. विश्व के कुल चावल व्यापार में भारत का हिस्सा 45 प्रतिशत है. विश्व बाजार में चावल की मांग पिछले साल से बढ़ी है.
पूर्वी एशियाई देशों, अफ्रीका और यूरोप के साथ-साथ पाकिस्तान में बाढ़ ने चावल की मांग में वृद्धि की थी. चावल निर्यातक देशों में भारत के चावल की कीमतें गिरती हैं.
इसके परिणाम स्वरूप यहां के चावल में अच्छी वृद्धि हुई और निर्यात में वृद्धि हुई. भारत ने लगभग 75 देशों को चावल का निर्यात किया.
चावल के निर्यात मूल्य में 15 प्रतिशत की वृद्धि वाणिज्यिक खुफिया और सांख्यिकी महानिदेशालय के अनुसार, भारत के चावल निर्यात के मूल्य में 15 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
भारत ने 1 हजार 110 करोड़ रुपये के चावल का निर्यात किया. भारत ने टूटे चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही सफेद चावल के निर्यात पर 20 फीसदी निर्यात शुल्क लगाया गया.
हालांकि निर्यात 5 फीसदी बढ़कर 223 लाख टन हो गया.
फलों और सब्जियों का निर्यात बढ़ा भारत के ताजा और प्रसंस्कृत फलों और सब्जियों के निर्यात में भी काफी वृद्धि हुई है.
कोरोना के बाद वैश्विक बाजार में फलों और सब्जियों की मांग बढ़ी है. इसका फायदा भारत को मिल रहा है. भारत का निर्यात लगभग 19 प्रतिशत बढ़कर 3.8 अरब डॉलर हो गया.
साथ ही अनाज और प्रसंस्कृत खाद्यके उत्पाद कि निर्यात 20 प्रतिशत से बढी. भारत ने वर्ष के दौरान $430 मिलियन मूल्य के खाद्यान्न और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का निर्यात किया.
मांस, डेयरी, पोल्ट्री उत्पादों के निर्यात में कमी भारत के मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों के निर्यात में मामूली गिरावट आई है.
बीते साल देश में पशुधन पर तरह-तरह की बीमारियों का संकट आया. कोरोना काल में पशुधन का प्रजनन कम हुआ. जबकि गांठदार त्वचा मवेशियों को प्रभावित करती है.
इससे देश में दुग्ध उत्पादन घट गया और कमी पैदा हो गई. इसका असर निर्यात पर देखने को मिला. भारत ने वर्ष के दौरान 400 करोड़ डॉलर मूल्य के मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात किया.
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